क्या आपने कभी सोचा है कि अगर एक 11 साल के लड़के की शादी 26 साल की महिला से कर दी जाए तो क्या होगा. एक न्यूज मैगजीन से जानकारी के अनुसार राजस्थान के जैसलमेर की एक ढाणी में ऐसी कुरीति व्याप्त है जिसमें लड़के की शादी उससे उम्र में दुगनी तिगुनी लड़की से की जाती है और उस महिला पर परिवार के बड़े बुजुर्ग भी अपना हक जताते हैं. यानी उसका शरीरिक शोषण किया जाता है. इस ढाणी का आधा इलाका पाकिस्तान में पड़ता है. घबराइए नहीं, बाल विवाह की इस अनोखी कहानी के पीछे का सच दूसरा है. दरअसल, इस सच के पीछे एक मैसेज है कि ऐसी कुरितियां आज भी हमारे के कई हिस्सों में शामिल है.
आखिर इस बेमेल विवाह के पीछे मामला क्या है...
दरअसल, हमने जो आपको सच बताया है ये वास्तविकता में नहीं बल्कि एक फिल्मी कहानी है लेकिन फिल्में भी कहीं ना कहीं हमारी जिंदगी से ही जुड़ी होती हैं इससे भी इन्कार नहीं किया जा सकता है.
आपको बता दें कि फिल्म के प्रॉड्यूसर आनंद सिंह राठौड ने बताया कि राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों और अशिक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से फिल्म का निर्माण किया गया है. इसके साथ ही कोशिश की गई है कि प्रदेश की सरकार का भी इस सामाजिक कुरीति की ओर ध्यान आकर्षित हो यह कहानी राजस्थान में बाल विवाह की थीम को लेकर बनी फिल्म 'सांकल' की है.
इंडियन फिल्म फेस्टिवल मेलबर्न में प्रदर्शन के लिए ‘सांकल' का भी सिलेक्शन हुआ है. यह फेस्टिवल 16 जुलाई से शुरू होगा. आपको बता दें कि इस फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है यह एक एक 26 साल की लड़की के आसपास घूमती है जिसकी शादी एक बच्चे से करा दी जाती है. इसकी कहानी सच्ची घटना पर आधारित बताई जा रही है, फिल्म को विदेशों में काफी सराहना और अवॉर्ड मिल चुका है. फिल्म के डायरेक्टर दैदीप्य जोशी जयपुर के ही रहने वाले हैं. उन्होंने राजस्थान यूनिविर्सिटी से ग्रैजुएशन किया है.
बुधवार, 29 जून 2016
'11 साल के दूल्हे ने 26 की दुल्हन से कहा, मुझे खुश रखना तुम्हारी ड्यूटी है'
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सिनेजगत
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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